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काँग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबन्धन, दोनों के लिए मजबूरी है ।
January 21, 2017 5:26 pm
जीएच कादिर “प्रभाव इंडिया “ के लिए
कांग्रेस से ज्यादा समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव को गठबन्धन की ज़रूरत है । राजनैतिक महत्वाकांक्षी अखिलेश यादव के दीर्घकालिक राजनीति के लिए यह गठबंधन आवश्यक है, क्योंकि अगर इस चुनाव में सपा स्लिप हुई तो अखिलेश का नेतृत्व कई लोग नकार सकतेे हैं । दूसरी तरफ कांग्रेस अपनी लाज और राहुल गाँधी की प्रतिष्ठा बचाने के लिए 1991 के बाद पहली बार 50 सीट से अधिक पाने का ख्वाब पाले हुए है । बता दें कांग्रेस 1991 के बाद यूपी में सीटों का अर्धशतक लगाया ही नहीं हैै , कांग्रेस की इस मजबूरी के सापेक्ष समाजवादी पार्टी में सुप्रीमों बनकर उभरे अखिलेश यादव की सीटों का आंकड़ा सरकार बनाने लायक नहीं पहुँचा तो अखिलेश के दीर्घकालिक राजनीतिक जीवन के लिए कठिनाइयों का दौर शुरुआत से ही प्रारंभ हो जायेगा । सर्वविदित है कि अखिलेश को समाजवादी में एक धड़ा ऐसा है जो मन से अभी प्रमाण पत्र देने के मूड में नहीं है , इसलिए कांग्रेस और सपा दोनों के लिए अपने अपने स्वार्थ के लिए गठबन्धन ज़रूरी है ।
यह दोनो पार्टियां इकट्ठा होकर यूपी के मुसलमानों को यह दिखाना चाहती हैं कि वह भाजपा से लड रही है, ताकि वह बसपा से मनोवैज्ञानिक लाभ उठा सके । क्योंकि बसपा मुसलमानों में यह एहसास लगातार जगा रही है कि वही भाजपा से लड़ाई में है । तो किसी भी सूरत में सपा और कांग्रेस का गठबन्धन दोनों के लिए मजबूरी भले हो लेकिन हितकारी होगा ।
( लेखक राजनैतिक चिंतक हैं एवं प्रभाव इंडिया से जुड़े हैं ; मोबाइल 9935878532 )