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सिद्धार्थनगर : डुमरियागँज के कांग्रेसियों में पैदा हुआ अस्तित्व का सवाल
January 16, 2017 11:16 am
जीएच कादिर प्रभाव इंडिया “ के लिए
डुमरियागँज ( सिद्धार्थनगर ) कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में यदि समझौता हो जाता है तो सिद्धार्थनगर ज़िले में काँग्रेसियों का भविष्य क्या होगा ? उसी कड़ी में ज़िले में वीआईपी सीट मानी जाने वाली डुमरियागँज के कांग्रेस नेताओं में मायूसी हाथ लग सकती है , क्योंकि यह सीट समाजवादी पार्टी के खेमे में जा सकती है । अगर समाजवादी पार्टी से समझौता हो जाता है । डुमरियागंज विधान सभा सीट पिछली बार पीस पार्टी ने जीता था, इस बार काँग्रेस ने बड़ी मशक्कत शुरुआत में किया था कि वह सीट पर चुनाव जीते, सभी टिकट के दावेदारों ने जी तोड़ मेहनत भी किया , जिसमें किसान मांग पत्र के नाम पर हज़ारों फाॅर्म भरवाये गये, लम्बे अर्से बाद कांग्रेस की चर्चा भी होने लगी, लेकिन पीके ने नये राजनीतिक समीकरण को ही जन्म दे दिया , जिसके चलते कांग्रेसियों में मायूसी दे देखी जा रही है, भले ही वह लोग मुखर न हों ।
इस विधान सभा के मेहनत कश कांग्रेसियों में सच्चिदानन्द पाँडेय , काजी सुहेल अहमद , बख्तियार उस्मानी ने जमकर मेंहनत किया , हज़ारों कार्यकर्ता बनाये और इनके साथ मौलाना हमीदुल्लाह चौधरी भी मेंहनत करने में कमी नहीं किया ।
सभी नेताओं को यह यकीन था कि वह चुनाव लड़ेंगे , लेकिन वस्तुतः ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है , क्योंकि अगर इस चुनाव में सपा से समझौता हुआ तो यह सीट सपा या पीस पार्टी की दावेदारी में जा सकती है , फिलहाल इन कांग्रेसी नेताओं के अस्तित्व का सवाल पैदा हो गया । हाँलांकि राजनीति के जानकारों का कहना है कि समझौता काँग्रेस के हित में ज़यादा लाभकारी साबित नही होगा ।