Prabhav India | सोनू सूद के नक़्शे क़दम पर चलने वाले हफीज़ मलिक ने भी प्रवासी मज़दूरों की खूब मदद किया, पढ़ें – कौन हैं यह सख्श
June 4, 2020 3:10 pm
मुम्बई/गोंडा । लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मज़दूरों को उनके घर पहुंचाने की समाजसेवा के नाम पर इस वक़्त देश भर में सोनू सूद की चर्चा हो रही है । यक़ीनन उन्होंने बड़ा उत्कृष्ट कार्य किया है । ठीक उन्हीं के नक़्शे क़दम पर चलते हुए
उत्तरप्रदेश के गौरा 301 विधानसभा के युवा नेता हफ़ीज़ मलिक ने प्रवासी भारतीयों को उनके घर पहुंचाने का कार्य किया है ।
श्री मलिक ने इस क्रोना महामारी में अपने आपको पूरी तरह गरीबों और मज़दूरों की मदद में झोंक दिया । उन्होंने प्रभाव इंडिया को बताया कि लॉकडाउन शुरू हुआ ठीक उसके दूसरे दिन ही ये सवाल उठने लगा कि जो गरीब मज़दूर रोज़ कमाते खाते थे उनका क्या होगा? ऐसे हालात में गौरा 301 विधानसभा के बसपा नेता कलाम मलिक जो मेरे बड़े हैं, उन्होंने मुझसे बात किया और कहा कि अपने क्षेत्र के ऐसे प्रवासी जो मुम्बई में या मुम्बई के आसपास दिहाड़ी का काम करते थे उनका खयाल रखो कि कोई भूखा न रहे । बस फिर क्या था मैं अपनी टीम के साथ गरीबों में राशन बांटने और मुम्बई व थाने के टिटवाला,बदलापुर, नालासोपारा, नायगांव, विरार,वसई,कांदिवली, साकीनाका, कुर्ला, सायन, वडाला, गोवंडी, मानखुर्द, चेम्बूर, विद्याविहार इत्यादि जगहों पर हज़ारों मज़दूर प्रवासियों को उनके घर तक राशन पहुंचाया और तबसे अबतक लगातार मदद करते रहे। फिर जब लॉकडाउन बढ़ने लगा तो प्रवासी मज़दूर अपने घर जाने को तड़पने लगे,आये दिन कोई न कोई मज़दूर के मरने की खबर आने लगी लोग पैदल ही घर रवाना होने का जोखिम लेने लगे, तब एकबार फिर मेरे भाई कलाम मलिक ने मुझे उत्साहित किया कि उत्तर प्रदेश प्रवासियों को इनके घर भेजने का कोई प्रबंध किया जाए ।
श्री हफ़ीज़ मलिक ने आगे कहा कि एकबार फिर अपनी टीम के साथ जुट गए प्रवासियों को उनके घर भेजने के लिए दिनरात एक कर दिया।अबतक लगभग 6000 प्रवासियों को घर वापसी कराने का काम किया है।
23 मई को लगभग 900 लोगों को,और 26 मई को लगभग 800 लोगों को तथा 30 मई को दो ट्रेन चलवाई एकमे लगभग 2200 लोग और दूसरी में लगभग 1800 लोगों को उनके घर भेजा गया । यह प्रवासी मज़दूर उत्तर प्रदेश के वाराणसी,आज़मगढ़,हलधर मऊ, लखनऊ,बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, उतरौला, डुमरियागंज, इटवा,बस्ती, खलीलाबाद, देवरिया, बलिया, गोरखपुर के रहने वाले थे। बताया जाता है कि हफ़ीज़ मलिक ने बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों को उनके घर वापसी का इंतेज़ाम किया। निःसंदेह वर्तमान हालात को देखते हुए ऐसे ही सोशल वर्कर की समाज को ज़रूरत है । श्री हफीज़ मलिक के इस कार्य की चहुओर चर्चा हो रही है ।